मेलास्मा के कारण, लक्षण, इलाज, उपचार – melasma symptoms, causes, treatment in hindi

girl with melasma on face

 

मेलास्मा का परिचय

मिलास्मा एक सामान्य त्वचा की समस्या है, जिसमें चेहरे पर भूरे या ग्रे-ब्राउन रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। यह मुख्य रूप से उन हिस्सों को प्रभावित करता है जो अक्सर धूप के संपर्क में आते हैं, जैसे गाल, माथा, ऊपरी होंठ और नाक। हालांकि मिलास्मा हानिकारक नहीं है, लेकिन यह व्यक्ति की अपीयरेंस और आत्म-सम्मान पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

मेलास्मा के कारणों को समझना

मिलास्मा का विकास कई कारणों से प्रभावित होता है। हार्मोनल बदलाव, खासकर गर्भावस्था के दौरान या गर्भनिरोधक गोलियाँ लेते समय, इस स्थिति को ट्रिगर कर सकते हैं। धूप का संपर्क भी एक प्रमुख कारण है, क्योंकि अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें मेलानोसाइट्स (रंग बनाने वाली कोशिकाएँ) को अधिक पिगमेंट बनाने के लिए उत्तेजित करती हैं। जेनेटिक्स भी एक भूमिका निभाता  है, और जिन लोगों के परिवार में मिलास्मा का इतिहास है, वे अधिक संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा, कुछ दवाइयाँ, कॉस्मेटिक्स, और यहाँ तक कि तनाव भी मिलास्मा की शुरुआत या बढ़ने में योगदान कर सकते हैं।

किसे खतरा है?

मिलास्मा महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक आम है, खासकर उन लोगों में जिनकी त्वचा का रंग गहरा होता है, जैसे लैटिन, एशियाई, या भूमध्यसागरीय मूल के लोग। इन लोगों में मेलानोसाइट्स (रंग बनाने वाली कोशिकाएँ) अधिक सक्रिय होती हैं, जिससे वे अधिक पिगमेंटेशन के लिए संवेदनशील होते हैं। पारिवारिक इतिहास भी एक बड़ा कारण है, क्योंकि मिलास्मा अक्सर परिवारों में चलता है। धूप के संपर्क में अधिक समय बिताने वाले लोग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।

मेलास्मा के लक्षण और विशेषताएँ

मिलास्मा की पहचान असमान आकार के, गहरे धब्बों से होती है, जो आमतौर पर चेहरे पर दिखाई देते हैं। ये धब्बे अक्सर एक जैसे होते हैं, मतलब दोनों तरफ के चेहरे पर समान पैटर्न होते हैं। अन्य त्वचा समस्याओं के विपरीत, मिलास्मा से दर्द या खुजली नहीं होती। धब्बे सिर्फ सौंदर्य संबंधी होते हैं और उनके आकार और तीव्रता में भिन्नता होती है।

मेलास्मा के प्रकार

मिलास्मा को त्वचा में पिगमेंट की गहराई के आधार पर अलग-अलग प्रकारों में बांटा जाता है:

  • एपिडर्मल मिलास्मा: पिगमेंट त्वचा की ऊपरी परतों में होता है। इस प्रकार का मिलास्मा इलाज से जल्दी ठीक हो जाता है।
  • डर्मल मिलास्मा: पिगमेंट त्वचा के गहरे हिस्से में होता है, जिससे इलाज करना मुश्किल होता है।
  • मिक्स्ड मिलास्मा: इसमें ऊपरी और गहरे दोनों प्रकार के पिगमेंट होते हैं।
  • इंडेटरमिनेट मिलास्मा: पिगमेंट की गहराई साफ नहीं होती, यहां तक कि जांच करने के बाद भी।

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मेलास्मा की पहचान

डर्मेटोलॉजिस्ट आमतौर पर मिलास्मा की पहचान देखने से करते हैं। पिगमेंट की गहराई जानने के लिए वे वुड्स लैम्प का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो अल्ट्रावायलेट (UV) रोशनी से पिगमेंटेशन को दिखाता है। यह उपकरण मिलास्मा को अन्य त्वचा समस्याओं, जैसे कि बाद में होने वाली हाइपरपिगमेंटेशन या लेंटिगिनेस, से अलग करने में मदद करता है।  सही निदान इलाज को सही दिशा में मार्गदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

मेलास्मा का इलाज कैसे करें

मिलास्मा का इलाज अक्सर कई तरीकों के संयोजन से किया जाता है:

  • टॉपिकल इलाज: हाइड्रोक्विनोन, रेटिनोइड्स, या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स वाली क्रीम्स त्वचा को हल्का करने के लिए इस्तेमाल होती हैं। हाइड्रोक्विनोन को मिलास्मा के इलाज में सबसे प्रभावी माना जाता है।
  • केमिकल पील्स: इसमें त्वचा की ऊपरी परत को हटाने के लिए रसायनिक घोल लगाया जाता है, जिससे नई, समान रूप से पिगमेंटेड त्वचा का विकास होता है।
  • लेजर और लाइट थैरेपी: ये इलाज गहरे पिगमेंटेशन को टारगेट करते हैं और डर्मल मिलास्मा के लिए प्रभावी हो सकते हैं। हालांकि, इन्हें सावधानी से उपयोग करना चाहिए ताकि साइड इफेक्ट्स से बचा जा सके।
  • धूप से सुरक्षा: मिलास्मा को नियंत्रित करने के लिए रोजाना ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का उपयोग जरूरी है, क्योंकि UV कीरणें स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं। सुरक्षात्मक कपड़े और टोपी भी मददगार हो सकते हैं।

लाइफस्टाइल और घरेलू उपाय

मिलास्मा का इलाज केवल दवाइयों से नहीं होता है:

  • धूप से सुरक्षा: सबसे जरूरी है त्वचा को UV किरणों से बचाना। SPF 30 या उससे ज्यादा वाला सनस्क्रीन लगाएं, हर दो घंटे में दोबारा लगाएं, और तेज धूप से बचें।
  • त्वचा की देखभाल: हल्के स्किन केयर उत्पाद, जैसे विटामिन C या नियासिनामाइड वाले, त्वचा के रंग को बेहतर कर सकते हैं। ऐसे उत्पादों से बचें जो त्वचा को जलाते हैं।
  • आहार और जीवनशैली में बदलाव: कुछ स्टडी बताती हैं कि एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाना त्वचा के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। तनाव कम करने के लिए योग या ध्यान जैसी तकनीकें भी मददगार हो सकती हैं।

मानसिक प्रभाव से कैसे निपटें

मिलास्मा एक शारीरिक समस्या है, लेकिन यह भावनात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकती है। इसके दाग़ दिखने की वजह से आत्म-संवेदनशीलता या शर्मिंदगी महसूस हो सकती है। काउंसलिंग सेवाओं से मदद लेना या सपोर्ट ग्रुप में शामिल होना उपयोगी हो सकता है। एक ऐसा त्वचा देखभाल रूटीन बनाना जो मिलास्मा के लक्षणों को सुधारने और त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करे, आत्म-विश्वास को भी बढ़ा सकता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी है और हाइपोग्लाइसीमिया और इसके प्रबंधन के लिए आपके डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह का विकल्प नहीं है। हाइपोग्लाइसीमिया को ठीक से प्रबंधित करने के लिए एक खास योजना बनाना जरूरी है, जिसे आपके डॉक्टर के साथ मिलकर तैयार करना चाहिए। रक्त शर्करा की निगरानी और दवा में बदलाव के लिए नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलना महत्वपूर्ण है ताकि आपका स्वास्थ्य ठीक रहे।

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