क्या फिजिकल एक्टिविटी की कमी से फैटी लीवर हो सकता है? जानिए कारण!

क्या फिजिकल एक्टिविटी की कमी से फैटी लीवर की समस्या बढ़ सकती है? जानिए इसके कारण, जोखिम और इसे रोकने के आसान उपाय जो आपकी सेहत को स्वस्थ रख सकते हैं!

फैटी लीवर की समस्या आजकल तेजी से बढ़ रही है, और इसका एक बड़ा कारण है फिजिकल एक्टिविटी की कमी। भारत में बदलती जीवनशैली और ऑफिस वर्क कल्चर ने लोगों को शारीरिक रूप से कम एक्टिव बना दिया है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे फिजिकल एक्टिविटी की कमी फैटी लीवर का कारण बनती है, इसके लक्षण, और इसे रोकने के प्रभावी उपाय।

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फैटी लीवर क्या है?

फैटी लीवर (Fatty Liver) एक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर की कोशिकाओं में वसा (Fat) जमा हो जाती है। यह समस्या तब पैदा होती है जब लीवर में वसा की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। फैटी लीवर को मुख्य रूप से दो प्रकारों में बांटा जाता है:

  1. एएलडी (ALD): शराब के अत्यधिक सेवन से होता है।
  2. एनएएफएलडी (NAFLD): बिना शराब के सेवन के फिजिकल एक्टिविटी की कमी और खराब खानपान से होता है।

फिजिकल एक्टिविटी की कमी और फैटी लीवर का संबंध

फिजिकल एक्टिविटी की कमी से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे शरीर में वसा का जमाव बढ़ता है। यह जमा हुआ वसा लीवर की कोशिकाओं में इकट्ठा होकर फैटी लीवर का कारण बनता है।

मुख्य कारण:

  • बैठे रहने की आदत: दिनभर बैठे रहने से कैलोरी बर्न नहीं होती, और वसा जमा होने लगती है।
  • व्यायाम की कमी: नियमित व्यायाम की कमी से लीवर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
  • मोटापा: शारीरिक सुस्ती मोटापे का कारण बनती है, जो फैटी लीवर का बड़ा जोखिम है।

फैटी लीवर के लक्षण

फैटी लीवर का शुरुआत में पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे दिखते हैं। कुछ सामान्य लक्षण हैं:

  1. पेट के दाईं ओर दर्द या भारीपन।
  2. थकान और कमजोरी महसूस करना।
  3. भूख में कमी।
  4. पाचन में समस्या।
  5. त्वचा और आंखों में पीलापन (गंभीर स्थिति में)।

फैटी लीवर के जोखिम कौन-कौन से हैं?

  • डायबिटीज
  • हृदय रोग 
  • लीवर सिरोसिस 
  • लीवर कैंसर 

फैटी लीवर से बचाव के उपाय

फैटी लीवर से बचाव के लिए फिजिकल एक्टिविटी को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद जरूरी है।

1. नियमित व्यायाम करें

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।
  • वॉकिंग, जॉगिंग, या साइकिलिंग जैसी गतिविधियां शामिल करें।

2. स्वस्थ आहार लें

  • फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं।
  • तला-भुना और वसा युक्त भोजन से बचें।

3. वजन कंट्रोल रखें

  • वजन कम करने के लिए कैलोरी की मात्रा पर ध्यान दें।
  • नूट्रिशनिस्ट से सलाह लें।

4. शराब से बचें

  • शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें, खासतौर पर अगर लीवर पहले से प्रभावित है।

5. पानी अधिक पिएं

  • रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं, जिससे शरीर से केमिकल पदार्थ बाहर निकलें।

भारतीय संदर्भ में फैटी लीवर

भारत में खासतौर पर शारीरिक सुस्ती और ख़राब खानपान की वजह से यह समस्या बढ़ रही है।

  • दफ्तर में लंबे समय तक बैठना
  • तैलीय और मसालेदार खाना ज्यादा खाना
  • योग और ध्यान का अभाव

उपाय:

  • सुबह-शाम वॉक को दिनचर्या में शामिल करें।
  • योग और प्राणायाम से लीवर को स्वस्थ रखें।

कब डॉक्टर से सलाह लें?

अगर निम्न लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें:

  1. लगातार पेट में दर्द।
  2. वजन तेजी से कम होना।
  3. आंखों और त्वचा में पीलापन।
  4. पाचन संबंधी गंभीर समस्या।

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निष्कर्ष

फिजिकल एक्टिविटी की कमी फैटी लीवर का एक बड़ा कारण है, लेकिन इसे जीवनशैली में बदलाव लाकर रोका जा सकता है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और तनाव प्रबंधन से लीवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।

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