क्या भूरे अंडे सफेद अंडों से ज्यादा पौष्टिक होते हैं?

क्या भूरे अंडे सफेद अंडों से ज़्यादा हेल्दी हैं ? इन दोनों अंडों में असली फर्क क्या है और आपके लिए कौन सा अच्छा है, आइए जानते है।

अंडे की बात करें तो, कई लोग यकीन करते हैं कि ब्राउन अंडे सफेद अंडों से ज्यादा हेल्दी और पौष्टिक होते हैं। ये बिल्कुल गलत धारणा है जो सालों से चली आ रही है। असल में, अंडे के छिलके का रंग उसके पोषण से कोई लेना-देना नहीं होता। ब्राउन और सफेद दोनों अंडों में बराबर ही पोषक तत्व होते हैं। 

अंडे का रंग और पोषण

अंडे के छिलके का रंग मुर्गी की नस्ल(breed) पर निर्भर करता है, उसके पोषण पर नहीं। जब अंडा मुर्गी के शरीर से गुजरता है, तो रंगद्रव्य (pigment) उसके छिलके पर जमा हो जाते हैं, जिससे वह भूरा या सफेद हो जाता है। यह रंग का अंतर सिर्फ जेनेटिक होता है और अंडे के अंदर के पोषण को बदलता नहीं है।

स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स(minerals) के मामले में भूरे और सफेद अंडे लगभग एक जैसे ही होते हैं। ये दोनों ही पोषक तत्वों के बेहतरीन स्रोत हैं जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं। फर्क बस कुछ अच्छे तत्वों जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड (fatty acid) की मात्रा में हो सकता है, जो मुर्गी के खाने पर निर्भर करता है। जैसे, अगर मुर्गियों को घूमने और घास खाने की आजादी होती है तो उनके अंडों में ओमेगा-3 की मात्रा ज्यादा हो सकती है, जो दिल के लिए अच्छा होता है।

अंडे की जर्दी के फायदे और नुकसान

भूरे और सफेद दोनों ही अंडों की जर्दी(Yolk) में कोलीन भरपूर मात्रा में होता है, जो दिमाग के विकास और लीवर के अच्छे काम करने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा, अंडे विटामिन डी के कुछ गिने-चुने प्राकृतिक स्रोतों में से हैं, जो मजबूत हड्डियों और अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत जरूरी है। अंडे की जर्दी(Yolk) में ल्यूटिन (lutein)और ज़ेक्सैथिन(zeaxanthin) जैसे एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं, जो आंखों की सेहत बचाने में मदद कर सकते हैं।

लेकिन, अंडे की जर्दी(yolk) में कोलेस्ट्रॉल भी काफी होता है, जो दिल की बीमारी के खतरे वाले या पहले से ही कोलेस्ट्रॉल की समस्या वाले लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है। खासकर जिन लोगों के खाने-पीने पर पाबंदी होती है, उन्हें अंडे की जर्दी(yolk) खाने में संतुलन रखना चाहिए।

मिथक और उनकी सच्चाई

अक्सर लोग सोचते हैं कि भूरे अंडे सफेद अंडों से ज्यादा पौष्टिक होते हैं। ये गलतफहमी शायद इसीलिए शुरू हुई क्योंकि भूरे अंडे देने वाली मुर्गियां आमतौर पर बड़ी होती हैं और उन्हें अपने बड़े शरीर और अंडे देने के लिए ज्यादा खाना चाहिए होता है। लेकिन, मुर्गियों को ज्यादा खाना खाने से अंडे खुद ज्यादा पौष्टिक नहीं हो जाते।

अंडे खरीदते समय ध्यान देने वाली बातें

अगर आप सेहत के लिए अंडे खरीद रहे हैं तो अंडे के रंग पर ध्यान देने की बजाय दूसरी बातों पर ध्यान दें। ज्यादा जरूरी बातें हैं:

  •  मुर्गियों को कैसे पाला गया (पिंजरे में, ऑर्गेनिक तरीके से, वगैरह),
  • अंडों की ताज़गी, 
  • अंडे बनाने वाली जगह की खेती की प्रक्रिया,
  • मुर्गियों का खाना (चरागाह पर पाली गई या ओमेगा-3 वाला खाना दिया गया)।

ये बातें अंडों की क्वालिटी और पोषण को बहुत प्रभावित करती हैं, जो इंसान की सेहत को प्रभावित करती हैं। जैसे, अगर मुर्गियों को भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर पाला गया तो उन अंडों में ज्यादा संभावना होती है कि उनमें हानिकारक बैक्टीरिया जैसे साल्मोनेला(Salmonella) हो।

कुछ रिसर्च बताते हैं कि चरागाह पर पाली गई या ओमेगा-3 से भरपूर खाना खाने वाली मुर्गियों के अंडों में आम तौर पर पाले गए अंडों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा पोषण होता है। लेकिन, ये फर्क सिर्फ अंडे के रंग की वजह से नहीं होता।

खरीददारी के टिप्स

अंडे खरीदते समय, लेबल देखना जरूरी है जिसमें बताया गया हो कि मुर्गियों को कैसे पाला गया, जैसे पिंजरे से मुक्त, घूमने की आजादी वाली, या ऑर्गेनिक(organic)। ये शब्द मुर्गियों की रहने की स्थिति और खाने के बारे में जानकारी देते हैं, जो अंडों की गुणवत्ता और सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं।

इसके अलावा, अंडे के डिब्बे पर लिखी हुई बेस्ट बाय या सेल बाय तारीख जरूर देख लें ताकि आपको सबसे ताज़े अंडे मिल सकें। ताज़े अंडों में ज्यादा पोषण होता है और उनका स्वाद भी अच्छा होता है।

अंडे के फायदे और नुकसान

अंडे का रंग चाहे जो भी हो, ये बहुत ही पौष्टिक खाना है जिससे सेहत को कई फायदे मिलते हैं। ये अच्छी क्वालिटी (quality)वाले प्रोटीन का बढ़िया स्रोत है, जो शरीर के टिशूज़(tissues) को बनाने और ठीक करने में मदद करता है। अंडे की जर्दी(yolk) में मौजूद पोषक तत्व दिमाग की सेहत, हड्डियों की मजबूती और अच्छी आंखों के लिए भी अच्छे होते हैं। अगर संतुलित खाना खाने के साथ अंडे भी खाए जाएं तो जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति हो सकती है और कुल मिलाकर सेहत अच्छी रहती है।

लेकिन, जिन लोगों को कुछ बीमारियां हैं या खाने-पीने पर पाबंदी है, जैसे दिल की बीमारी या शुगर, उन्हें अंडे की जर्दी(yolk) में कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा की वजह से संभलकर खाना चाहिए। जिन्हें कोई खास समस्या हो उन्हें डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

निष्कर्ष के तौर पर

अंडे का छिलका का रंग बस एक जेनेटिक बात है, इससे ज्यादा पोषण या सेहत के फायदे नहीं होते। भूरे और सफेद दोनों ही अंडों में बराबर पोषक तत्व होते हैं, जिससे ये दोनों ही संतुलित खाने में सेहत बढ़ाने के लिए अच्छे विकल्प हैं। अंडे खरीदते वक्त अंडे के रंग की बजाय किस तरह पाली गई मुर्गियों के अंडे हैं, अंडे कितने ताज़े हैं, और मुर्गियों को क्या खिलाया गया, इस पर ध्यान दें। इससे आप अपनी जरूरत और पाबंदियों के हिसाब से सबसे सही और सेहतमंद अंडे चुन सकते हैं।

Image by KamranAydinov on Freepik

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