क्या हस्तमैथुन (मास्टरबेशन) से वास्तव में पुरुषों की सेहत बिगड़ती है? चिकित्सा विशेषज्ञों से जानें पूरा सच -Does Masturbation Affect Sperm Count In Hindi

क्या हस्तमैथुन (मास्टरबेशन) से स्पर्म काउंट पर असर पड़ता है? इस लेख में जानें इसके प्रभाव और विशेषज्ञों की राय।

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Does Masturbation Affect Sperm Count क्या हस्तमैथुन (मास्टरबेशन) से वाकई पुरुषों के स्पर्म काउंट पर असर पड़ता है? अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आप अकेले नहीं हैं। कई लोग मानते हैं कि हस्तमैथुन करने से स्पर्म की संख्या कम हो जाती है, जिससे इनफर्टिलिटी या बांझपन की समस्या हो सकती है। लेकिन क्या यह सच है? इस आर्टिकल में हम हस्तमैथुन और स्पर्म काउंट के बीच के संबंध को समझने के लिए इस मिथक पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस विषय पर सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने विशेषज्ञों की राय ली है और उनके माध्यम से इस भ्रांति को स्पष्ट करेंगे।

हस्तमैथुन क्या है?

हस्तमैथुन (Masturbation) एक सामान्य शारीरिक क्रिया है, जिसमें व्यक्ति यौन आनंद प्राप्त करने के लिए अपने यौन अंगों को उत्तेजित करता है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक है और इससे यौन स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का कोई नकारात्मक असर नहीं होता जब तक इसे संतुलित तरीके से किया जाए। यह प्रक्रिया यौन तनाव को कम करने, नींद सुधारने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। समाज में इसे लेकर कई भ्रांतियां हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह एक स्वस्थ प्रक्रिया हो सकती है।

हस्तमैथुन से जुड़े मिथक

जब भी हस्तमैथुन (मास्टरबेशन) की बात आती है, तो कई लोग पूछते हैं, “मास्टरबेशन करने से कौन सी बीमारी होती है?” दरअसल, समाज में हस्तमैथुन को लेकर कई गलत धारणाएँ (myths) प्रचलित हैं। यह माना जाता है कि मास्टरबेशन से शारीरिक कमजोरी, यौन रोग, या अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं। हालाँकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो हस्तमैथुन से कोई गंभीर बीमारी नहीं होती। यह पूरी तरह से स्वाभाविक प्रक्रिया है, और इसके शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य पर कोई गंभीर नकारात्मक प्रभाव नहीं होते। इसके बावजूद, यदि इसे अत्यधिक मात्रा में किया जाए, तो अस्थायी थकान, ऊर्जा की कमी या मानसिक तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन यह किसी बीमारी का कारण नहीं है। ये सभी बातें ज्यादातर अफवाहों और अज्ञानता पर आधारित हैं, और इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

स्पर्म काउंट क्या होता है?

स्पर्म काउंट (Sperm Count) का मतलब है, एक निश्चित मात्रा के वीर्य में पाए जाने वाले शुक्राणुओं की संख्या। सामान्यतः एक स्वस्थ व्यक्ति के वीर्य में प्रति मिलीलिटर 15 मिलियन से लेकर 200 मिलियन तक स्पर्म होते हैं। स्पर्म की यह संख्या व्यक्ति की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है। इसलिए, स्पर्म काउंट का सही स्तर पर होना महत्वपूर्ण है।

क्या हस्तमैथुन से स्पर्म काउंट कम होता है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हस्तमैथुन और स्पर्म काउंट के बीच कोई स्थायी या नकारात्मक संबंध नहीं पाया गया है। जब आप हस्तमैथुन करते हैं, तो वीर्य का उत्सर्जन होता है, लेकिन शरीर जल्द ही नए स्पर्म का उत्पादन शुरू कर देता है। अगर कोई व्यक्ति लगातार हस्तमैथुन करता है, तो थोड़े समय के लिए स्पर्म की संख्या कम हो सकती है, लेकिन कुछ समय बाद यह वापस सामान्य हो जाती है। इसलिए, हस्तमैथुन से स्पर्म काउंट पर कोई स्थायी प्रभाव नहीं पड़ता है।

शरीर में स्पर्म उत्पादन की प्रक्रिया

शरीर में स्पर्म उत्पादन की प्रक्रिया एक जटिल लेकिन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसे स्पर्माटोजेनेसिस (Spermatogenesis) कहते हैं, जो टेस्टिकल्स में होती है। शरीर हर समय नए स्पर्म का उत्पादन करता रहता है, और यह प्रक्रिया हार्मोनल संतुलन और पोषण पर निर्भर करती है। हस्तमैथुन के बाद शरीर तुरंत ही नई मात्रा में स्पर्म बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देता है, जिससे स्पर्म काउंट जल्दी ही सामान्य हो जाता है।

हस्तमैथुन और शुक्राणुओं की गुणवत्ता

कई अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि संतुलित रूप से हस्तमैथुन करने से शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। हालांकि, अत्यधिक हस्तमैथुन करने से वीर्य अस्थायी रूप से पतला हो सकता है, लेकिन शुक्राणुओं की गुणवत्ता या उनके डीएनए (DNA) पर इसका कोई गंभीर असर नहीं पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक वीर्य निष्कासित नहीं करता है, तो उसकी शुक्राणुओं की गुणवत्ता में कमी आ सकती है, इसलिए नियमित रूप से वीर्य का निष्कासन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

अत्यधिक हस्तमैथुन के प्रभाव

अगर कोई व्यक्ति बहुत अधिक बार हस्तमैथुन करता है, तो उसके शरीर पर थकान, शारीरिक कमजोरी, और मानसिक तनाव जैसे अस्थायी प्रभाव हो सकते हैं। इससे शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस हो सकती है, लेकिन इसका स्पर्म काउंट पर कोई स्थायी प्रभाव नहीं होता। इसलिए यह जरूरी है कि हस्तमैथुन को संतुलित तरीके से किया जाए ताकि शरीर और दिमाग स्वस्थ रहे।

स्पर्म काउंट कम होने के वास्तविक कारण

स्पर्म काउंट कम होने के कई अन्य वास्तविक कारण हो सकते हैं, जिनका हस्तमैथुन से कोई लेना-देना नहीं है। इनमें शामिल हैं:

  • मोटापा: अधिक वजन हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जिससे स्पर्म उत्पादन प्रभावित होता है।
  • अनहेल्दी लाइफस्टाइल: असंतुलित आहार, शराब का अत्यधिक सेवन, धूम्रपान और तनाव स्पर्म की संख्या को कम कर सकते हैं।
  • दवाओं का अत्यधिक सेवन: कुछ दवाएं, विशेषकर स्टेरॉयड्स और कीमोथेरेपी की दवाएं, स्पर्म उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
  • यौन संचारित रोग: अगर यौन संचारित बीमारियों का सही समय पर इलाज नहीं होता, तो इससे प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

स्पर्म काउंट बढ़ाने के उपाय

स्पर्म काउंट को बनाए रखने या बढ़ाने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • संतुलित आहार: प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर आहार स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या को बढ़ाता है।
  • एक्सरसाइज: नियमित व्यायाम ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और हार्मोन को संतुलित करता है।
  • धूम्रपान और शराब से बचें: ये आदतें स्पर्म काउंट और उसकी गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं।
  • तनाव कम करें: स्ट्रेस से बचना स्पर्म काउंट के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।

संतुलित दृष्टिकोण: हस्तमैथुन और स्वास्थ्य

हस्तमैथुन को लेकर संतुलित दृष्टिकोण जरूरी है। यह एक स्वाभाविक और सुरक्षित शारीरिक क्रिया है, जब तक इसे एक स्वस्थ सीमा में किया जाए। हस्तमैथुन से स्पर्म काउंट पर कोई स्थायी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता, और यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

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अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। चिकित्सीय स्थितियों के निदान और उपचार के लिए हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।

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