दवा का नाम | Fluconazole Tablet (फ्लुकोनाज़ोल ) |
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सामग्री | fluconazole |
प्रिस्क्रिप्शन आवश्यक | हाँ |
उपयोग | फंगल और यीस्ट इंफेक्शन का इलाज |
खुराक | डॉक्टर की सलाह अनुसार |
डोज़ के प्रकार | टैबलेट |
फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट क्या है ? What is Fluconazole Tablet in Hindi ?
Fluconazole Tablet (फ्लुकोनाज़ोल )डॉक्टर की प्रिस्क्रीप्शन पर मिलने वाली एंटीफंगल दवा है. ये टैबलेट के रूप में आती है और कई तरह के फंगल और यीस्ट इंफेक्शन का इलाज करने के लिए इस्तेमाल होती है. ये दवा फंगस को मारने में काफी कारगर है. ये खासकर वेजाइनल इंफेक्शन, मुंह में फंगस (थ्रश), घुटकी में कैंडिडा, शरीर में फैल चुका कैंडिडा और क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइट जैसी बीमारियों में असरदार है. साथ ही, ये दवा हाई रिस्क मरीजों को बचाव के लिए भी दी जाती है, मसलन बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने वाले या ईसीएमओ सपोर्ट पर रहने वाले मरीजों को.
फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट के उपयोग ? Fluconazole Tablet uses in hindi
Fluconazole Tabletफंगल इंफेक्शन के इलाज में काफी काम आती हैं. आइए इनके इस्तेमाल को विस्तार से जानते हैं:
- जनाना यीस्ट इंफेक्शन: फ्लुकोनाज़ोल की गोलियां अक्सर वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन, जिसे मेडिकल भाषा में वल्वोवैजाइनल कैंडिडiasis कहते हैं, के इलाज के लिए दी जाती हैं. इसके लक्षणों में खुजली, जलन और असामान्य सफेद पानी आना शामिल है।
- मुंह का फंगल इंफेक्शन ( ओरल थ्रश): फ्लुकोनाज़ोल मुंह के फंगल इंफेक्शन यानी ओरल थ्रश के इलाज में कारगर है. इसमें जीभ, गालों के अंदरूनी हिस्से, तालू और गले पर सफेद चकत्ते पड़ जाते हैं.
- खाने की नली का फंगल इंफेक्शन ( एसोफेजियल कैंडिडियासिस): इस दवा का इस्तेमाल खाने की नली के फंगल इंफेक्शन यानी एसोफेजियल कैंडिडियासिस के इलाज के लिए किया जाता है. इसके लक्षणों में निगलने में परेशानी और सीने में दर्द या तकलीफ शामिल हो सकती है.
- शरीरभर फैला फंगल इंफेक्शन ( सिस्टमिक कैंडिडियासिस): फ्लुकोनाज़ोल को शरीरभर फैले फंगल इंफेक्शन यानी सिस्टमिक कैंडिडियासिस के इलाज के लिए दिया जाता है. यह इंफेक्शन शरीर के कई अंगों और ऊतकों को प्रभावित कर सकता है और खासकर रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर लोगों के लिए गंभीर या जानलेवा हो सकता है.
- क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइटिस: फ्लुकोनाज़ोल क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइटिस के इलाज में एक महत्वपूर्ण दवा है. यह दिमाग और रीढ़ की हड्डी को घेरने वाली झिल्ली का फंगल इंफेक्शन होता है. यह इंफेक्शन कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में हो सकता है, जैसे कि एचआईवी/एड्स से ग्रस्त लोगों में.
- हाई रिस्क मरीजों में बचाव: फ्लुकोनाज़ोल का इस्तेमाल हाई रिस्क ग्रुप के मरीजों, जैसे कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने वालों या ईसीएमओ सपोर्ट पर रहने वालों को फंगल इंफेक्शन से बचाने के लिए भी किया जा सकता है.
- अन्य फंगल इंफेक्शन: डॉक्टर की सलाह पर फ्लुकोनाज़ोल का इस्तेमाल त्वचा, नाखून और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करने वाले अन्य फंगल संक्रमणों के लिए भी किया जा सकता है.
ध्यान देने वाली बात ये है कि फ्लुकोनाज़ोल का इस्तेमाल डॉक्टर के बताए अनुसार ही करना चाहिए. फंगल इंफेक्शन के प्रकार और गंभीरता के आधार पर इसकी खुराक और इलाज की अवधि अलग-अलग हो सकती है. साथ ही, मरीजों को डॉक्टर के निर्देशों का सावधानी से पालन करना चाहिए और इलाज के दौरान किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स या परेशानी की जानकारी डॉक्टर को देनी चाहिए.
फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट से जुड़ी सावधानियाँ ? Fluconazole Tablet precautions in hindi
Fluconazole Tablet के इस्तेमाल से जुड़ी सावधानियाँ निम्न प्रकार है:
फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट के इस्तेमाल में सावधानी:
- इलाज में प्रगति पर नज़र रखने और साइड इफेक्ट्स को देखने के लिए डॉक्टर से नियमित जांच और खून/पेशाब टेस्ट करवाना ज़रूरी है.
- फ्लुकोनाज़ोल का इस्तेमाल कुछ खास दवाओं जैसे एरिथ्रोमाइसिन, पिमोज़ाइड और कुनिडीन के साथ नहीं करना चाहिए क्योंकि इनसे गंभीर रिएक्शन का खतरा रहता है.
- इलाज के दौरान गर्भनिरोधक का इस्तेमाल ज़रूरी है क्योंकि गर्भावस्था में लंबे समय या ज्यादा मात्रा में फ्लुकोनाज़ोल लेने से अजन्मे बच्चे को नुकसान हो सकता है.
- इससे लीवर में गंभीर समस्या हो सकती है, इसलिए पेट दर्द, गहरे रंग का पेशाब, पीली त्वचा/आंखों जैसे लक्षणों पर ध्यान दें.
- जानलेवा एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकते हैं, ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- गंभीर त्वचा संबंधी रिएक्शन भी हो सकते हैं, इसलिए किसी भी तरह के रैश या त्वचा में बदलाव की जानकारी डॉक्टर को दें.
- फ्लुकोनाज़ोल दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है, इसलिए चक्कर आना, बेहोशी या अनियमित दिल की धड़कन होने पर डॉक्टर को बताएं.
- इससे शरीर में अधिवृक्क ग्रंथि (एड्रिनल ग्लैंड) से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जिसके लक्षणों में थकान, मिचली और त्वचा में बदलाव शामिल हैं.
- फ्लुकोनाज़ोल से नींद आ सकती है, इसलिए गाड़ी चलाने जैसी गतिविधियों में सावधानी बरतें.
- डॉक्टर से पूछे बिना कोई और दवा न लें.
इन सावधानियों को मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों को फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट इस्तेमाल करते समय ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है. डॉक्टर के साथ लगातार जांच और बातचीत करना बेहद महत्वपूर्ण है.
फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट साइड इफेक्टस् ? Fluconazole Tablet side effects in hindi
फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट के संभावित दुष्प्रभाव:
कुछ दुर्लभ दुष्प्रभाव जिनपर तुरंत डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है:
- सीने में जकड़न, कंपकपी, मिट्टी के रंग का मल, ख़ासी, गहरे रंग का पेशाब, दस्त, निगलने में परेशानी, चक्कर आना, तेज़ दिल की धड़कन, बुखार, सिरदर्द, पित्ती/चकत्ते, बहुत ज्यादा सूजन, हल्के रंग का मल, भूख न लगना, मिचली, सूजन, लगातार पेट दर्द, असामान्य कमज़ोरी, ऊपरी दाएं पेट में दर्द, उल्टी (खून के साथ भी), पीलिया
कुछ दुष्प्रभाव जिनकी आवृत्ति पता नहीं है:
- काला/चिपचिपा मल, त्वचा पर छाले पड़ना/उखड़ना, सीने में दर्द, पेशाब कम होना, मुंह सूखना, बेहोशी, आवाज बैठना, बहुत ज़्यादा प्यास लगना, अनियमित दिल की धड़कन, जोड़ों/मांसपेशियों में दर्द, पेशाब न रोक पाना, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, मूड स्विंग, मांसपेशियों में ऐंठन, सुन्न होना, पेशाब करते समय दर्द, पीली त्वचा, त्वचा संबंधी घाव, दौरे, गले में खराश, मुंह के छाले, अचानक बेहोशी, ग्रंथियों में सूजन, असामान्य खून बहना/चोट लगना
इनमें से कोई भी दुष्प्रभाव दिखने पर मरीजों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि ये गंभीर या जानलेवा रिएक्शन के संकेत हो सकते हैं और तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है. फ्लुकोनाज़ोल लेते समय लगातार डॉक्टरी निगरानी बहुत ज़रूरी है.
दुष्प्रभावी दवाओं की रिपोर्टिंग के लिए टूल्स:
ईमेल: pvpi.ipc@gov.in
पीवीपीआई हेल्पलाइन (टोल फ्री): 1800 180 3024 (सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक)
एडीआर मोबाइल ऐप: ADRPvPI
फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट की खुराक ? Fluconazole Tablet dosage in hindi
Fluconazole Table की खुराक संबंधी मुख्य जानकारी निम्न प्रकार है:
क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइटिस के लिए:
- वयस्क: पहले दिन 400 मिलीग्राम, फिर कम से कम 10 से 12 हफ्तों तक रोज़ाना एक बार 200 मिलीग्राम. डॉक्टर खुराक में बदलाव कर सकते हैं.
- बच्चे (6 महीने से 13 साल): खुराक वजन के हिसाब से तय होती है. आम तौर पर पहले दिन 12 मिलीग्राम/किलोग्राम, फिर कम से कम 10 से 12 हफ्तों तक रोज़ाना एक बार 6 मिलीग्राम/किलोग्राम.
एसोफेगल कैंडिडियासिस के लिए:
- वयस्क: पहले दिन 200 मिलीग्राम, फिर कम से कम 3 हफ्तों तक रोज़ाना एक बार 100 मिलीग्राम. ज़रूरत के हिसाब से खुराक बढ़ाई जा सकती है.
- बच्चे (6 महीने से 13 साल): खुराक वजन के हिसाब से तय होती है. आम तौर पर पहले दिन 6 मिलीग्राम/किलोग्राम, फिर कम से कम 3 हफ्तों तक रोज़ाना एक बार 3 मिलीग्राम/किलोग्राम.
ओरोफैरेंजियल कैंडिडियासिस के लिए:
- वयस्क: पहले दिन 200 मिलीग्राम, फिर कम से कम 2 हफ्तों तक रोज़ाना एक बार 100 मिलीग्राम.
- बच्चे (6 महीने से 13 साल): खुराक वजन के हिसाब से तय होती है. आम तौर पर पहले दिन 6 मिलीग्राम/किलोग्राम, फिर कम से कम 2 हफ्तों तक रोज़ाना एक बार 3 मिलीग्राम/किलोग्राम.
अन्य संक्रमणों के लिए:
- वयस्क: रोज़ाना अधिकतम 400 मिलीग्राम.
- बच्चे (3 महीने और उससे अधिक): खुराक वजन के हिसाब से तय होती है. आम तौर पर पहले दिन 25 मिलीग्राम/किलोग्राम, फिर रोज़ाना एक बार 12 मिलीग्राम/किलोग्राम.
बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन के दौरान कैंडिडियासिस की रोकथाम के लिए:
- वयस्क: रोज़ाना एक बार 400 मिलीग्राम.
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या पेरिटोनिटिस के लिए:
- वयस्क: रोज़ाना 50 से 200 मिलीग्राम.
वजाइनल कैंडिडियासिस के लिए:
- वयस्क: रोज़ाना एक बार 150 मिलीग्राम.
बच्चों और खास स्थितियों के लिए डॉक्टर ही सही खुराक तय करेंगे. डॉक्टर के बताए अनुसार निर्धारित खुराक और इलाज की अवधि को पूरा करना ज़रूरी है.
Disclaimer: दी गई खुराक की जानकारी सिर्फ शिक्षा के उद्देश्य से है और इसे डॉक्टरी सलाह नहीं माना जाना चाहिए. अपनी खास बीमारी और ज़रूरतों के हिसाब से सही खुराक जानने के लिए हमेशा किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से सलाह लें.
निष्कर्ष
संक्षेप में, फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट कई तरह के फंगल संक्रमणों के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण दवा है. डॉक्टर की सही सलाह और निर्धारित खुराक के साथ फ्लुकोनाज़ोल इन संक्रमणों को प्रभावी ढंग से ठीक कर सकता है और मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार ला सकता है. हालांकि, इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जानना ज़रूरी है और इस दवा का इस्तेमाल डॉक्टरी देखरेख में ही जिम्मेदारी से करना चाहिए. अगर आपको फ्लुकोनाज़ोल या इसके इस्तेमाल को लेकर कोई परेशानी या सवाल है, तो अपनी स्थिति के अनुसार सलाह और इलाज के लिए अपने डॉक्टर से ज़रूर बात करें.
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