विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है, एक पानी में घुलनशील विटामिन है जो शरीर के कई कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हमारा शरीर इसे खुद नहीं बना सकता, इसलिए हमें इसे अपने आहार या सप्लीमेंट्स से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. ज्यादातर लोग विटामिन सी को सर्दी-जुकाम से लड़ने से जोड़ते हैं, लेकिन इसके फायदे और भी बहुत हैं. यह एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारी कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है, स्वस्थ त्वचा, हड्डियों और संयोजी ऊतकों के लिए कोलेजन बनाने में मदद करता है, और यहां तक कि पौधों से आयरन को अवशोषित करने में भी हमारी मदद करता है.
विटामिन सी की गोलियां लेना यह सुनिश्चित करने का एक सुविधाजनक और प्रभावी तरीका है कि आप पर्याप्त मात्रा में ले रहे हैं, खासकर यदि आप इसे अपने भोजन से पर्याप्त नहीं ले पा रहे हैं. लेकिन, इन गोलियों को लेने का सही तरीका जानना ज़रूरी है ताकि अधिक से अधिक लाभ मिल सके और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट से बचा जा सके.
1. अपनी जरूरत के अनुसार मात्रा तय करें
विटामिन सी की शरीर को रोज़ाना जितनी मात्रा की ज़रूरत होती है वो उम्र, लिंग और सेहत (Sehat) के आधार पर बदलती रहती है. अमेरिका के National Institutes of Health (NIH) के मुताबिक, वयस्कों के लिए रोज़ाना निम्न मात्रा में लेने विटामिन सी लेने की सलाह दी जाने वाली मात्रा है:
- पुरुष : 90 milligrams (mg)
- महिलायें : 75 mg
- धूम्रपान करने वालों के लिए : अतिरिक्त 35 mg
ये न्यूनतम मात्राएं हैं, और कई डॉक्टर ज़्यादा मात्रा लेने की सलाह देते हैं, खासकर कुछ बीमारियों या ज़्यादा तनाव वालों के लिए. पर, हाई डोज़ (High Dosage) लेने से पहले डॉक्टर से बात कर लेना ही अच्छा रहता है, क्योंकि ज़्यादा मात्रा में सेवन से पेट की गड़बड़ी, किडनी में पथरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं, साथ ही कुछ दवाओं का असर भी कमज़ोर पड़ सकता है.
2. सेवन का समय और फ्रीक्वेंसी
विटामिन सी पानी में घुलनशील विटामिन है, यानी शरीर इसका ज़्यादा हिस्सा पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देता है. पूरे दिन शरीर में इसकी मात्रा को बनाए रखने और जल्दी अवशोषण के लिए, अपनी रोज़ की खुराक को दो या तीन छोटे भागों में बांटकर खाने के साथ लेना बेहतर होता है.
उदाहरण के लिए, अगर आपकी रोज़ाना ज़रूरत 1,000 मिलीग्राम है, तो आप सुबह नाश्ते के साथ 500 मिलीग्राम और फिर दोपहर या रात के खाने के साथ 500 मिलीग्राम ले सकते हैं. ऐसा करने से पेट की गड़बड़ी की समस्या भी कम रहती है, जो अक्सर एक बार में ज़्यादा मात्रा लेने से हो सकती है.
3. बफर या गैर-अम्लीय विकल्प
विटामिन सी की गोलियां कई रूपों में आती हैं, जिनमें एस्कॉर्बिक एसिड (सबसे शुद्ध रूप), कैल्शियम एस्कॉर्बेट, सोडियम एस्कॉर्बेट और पेट के लिए हल्के अन्य विकल्प शामिल हैं. एस्कॉर्बिक एसिड कारगर है और आसानी से मिल जाता है, लेकिन यह कुछ लोगों के लिए पेट में जलन या एसिडिटी पैदा कर सकता है, खासकर खाली पेट या ज्यादा मात्रा में लेने पर.
बफर या गैर-अम्लीय विकल्प, जैसे कैल्शियम एस्कॉर्बेट या सोडियम एस्कॉर्बेट, पेट के लिए ज्यादा सहनशील होते हैं और संवेदनशील पाचन या गैस्ट्रिटिस या अल्सर जैसी समस्याओं वाले लोगों के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
4. बायोफ्लेवोनॉयड्स के साथ लें
भारत में मिलने वाले कई विटामिन सी सप्लीमेंट्स में हेस्परिडिन, रुटिन या क्वेरसेटिन जैसे बायोफ्लेवोनॉयड्स इसलिए शामिल किए जाते हैं क्योंकि ये फायदेमंद होते हैं! ये पौधों से प्राप्त ऐसे तत्व होते हैं जो विटामिन सी के साथ मिलकर इसे और भी असरदार बनाते हैं. बायोफ्लेवोनॉयड्स विटामिन सी की मदद इस प्रकार करते हैं:
- इसे टूटने (ऑक्सीकरण) से बचाना
- शरीर द्वारा इसे आसानी से अवशोषित करने में मदद करना (जिसे बेहतर जैवउपलब्धता कहते हैं)
- इसकी एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी क्षमताओं को और बढ़ाना (संभावित रूप से)
5. दवाओं के साथ रिएक्शन से बचें
वैसे तो विटामिन सी आमतौर पर सही मात्रा में लेने पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ दवाओं के साथ इसके सेवन से कुछ खास स्थितियां पैदा हो सकती हैं और कुछ मामलों में इसे लेने से बचना चाहिए, इन नीचे दी हुई बातों को ध्यान में रखना ज़रूरी है. :
- दवाएं: विटामिन सी कुछ दवाओं के साथ मिलकर रिएक्शन (reaction) कर सकती है, जैसे एल्यूमिनियम वाली एंटासिड्स , कीमोथेरपी की दवाएं , और एस्ट्रोजन वाली गर्भनिरोधक गोलियां. अगर आप कोई दवा नियमित रूप से ले रहे हैं, तो विटामिन सी की गोलियां लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.
- आयरन (Iron) डाइट सप्लीमेंट: विटामिन सी खाने से मिलने वाले आयरन को शरीर में सोखने में मदद करता है, इसलिए आयरन की कमी वाले लोगों के लिए फायदेमंद है. लेकिन, अगर आप आयरन की गोलियां ले रहे हैं, तो विटामिन सी और आयरन को लेने के बीच में कम से कम दो घंटे का अंतर रखने की सलाह दी जाती है, ताकि किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके.
- ग्लूकोज-6-फॉस्फ़ेट डिहाइड्रोजनेज़ (G6PD) की कमी: जन्मजात ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज़ (G6PD) की कमी वाले लोगों को उच्च खुराक में विटामिन सी लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर कर लेनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे खून की कमी वाली बीमारी (हीमोलीटिक एनीमिया) होने का खतरा रहता है.
6. खाने की चीज़ों से पोषण प्राप्त करें
विटामिन सी की टैबलेट लेना आपकी रोजाना की ज़रूरतों को पूरा करने का एक सुविधाजनक और कारगर तरीका हो सकता है, लेकिन अपनी डाइट में विटामिन सी से भरपूर खाने की चीज़ों को शामिल करना भी उतना ही ज़रूरी है. संतरा, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, कीवी, शिमला मिर्च, ब्रोकली और स्प्राउट्स जैसे फल और सब्जियां इस ज़रूरी पोषक तत्व के बेहतरीन स्रोत हैं.
साबुत चीज़ों (Whole Foods) से विटामिन सी लेना सिर्फ विटामिन ही नहीं देता बल्कि फाइबर, फाइटोकेमिकल्स और दूसरे विटामिन और मिनरल्स जैसे फायदेमंद तत्व भी देता है, जो मिलकर आपकी पूरी सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं.
अंत में, विटामिन सी की गोलियां स्वस्थ जीवनशैली में एक फायदेमंद चीज़ हो सकती हैं, लेकिन ज़रूरी पोषक तत्वों का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने और कम से कम साइड इफेक्ट्स रखने के लिए सही तरीके से इनका सेवन करना ज़रूरी है. सही मात्रा निर्धारित करने से, सेवन का सही समय चुनने से, बफर या गैर-अम्लीय गोलियों पर विचार करने से, बायोफ्लेवोनॉयड्स के साथ लेने से, दवाओं के साथ रिएक्शन से बचने से और खाने की चीज़ों को शामिल करने से, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप इस ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट का पूरा फायदा उठा पाएं और अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखें.
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